- तैतिल करण :
- देवता : आर्यमान
- समवर्ती नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी
- संक्षेप में अभिप्राय : - दुर्बल, कोमल, सूक्ष्म शरीर ।
- वासना पसन्द करेगा।
- नम्रता और प्रभावी ढंग से बोलेगा, बहुत अधिक बोलेगा।
- पाठक, राजवंश में नौकरी करना, सभी कलाओं में निपुण ।
- अच्छा स्वभाव, सत्यवादी, सद्गुणी, धन सत्यता होगी, सहनशील, सच्चे पथ को जानने वाला, स्थिर, दोनों ही दृढ़ और उग्र प्रवृत्ति ।
- अत्यधिक बहादुर, बुद्धिमान, लक्ष्य प्राप्त करने वाला होगा, रोमांचकारी होगा, पराक्रमी।
- धनवान, चित्रण जानने वाला। - प्रसन्न, अच्छे मित्र होंगे, सभी के द्वारा आदर प्राप्त करेगा।
- आलसी, गंदा, बुरे कार्य करने वाला।
- अपवित्र, नीच बुद्धि ।
- बृहत् संहिताः तैतिल में व्यक्ति को लोकप्रियता की ओर अग्रसर कार्य, शरण लेना और गृह से जुड़े कार्य करने चाहिए।
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