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  • 123 महामृत्यंजय यज्ञ
    रुद्राभिषेक
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    काल सर्प योग पूजन
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Our Service

for the people, society and the nation

दैहिक, दैविक. भौतिक प्रकोप की शांति

मांगलिक दोष एवं वैधव्य योग की शांति

असाध्य से असाध्य रोगों का उपचार

वैवाहिक बाधा की शांति

व्यापार में बाधा की शांति

नव ग्रहों की शांति

काल सर्प दोष, पितृ दोष, पिशाच दोष

एवं नाना प्रकार के शाप दोष की शांति

जड़ी-बूटीयों से अनिष्ट ग्रहों की शांति

Removing Love Life problems

Live in relationsip

विद्यार्थीयों को विद्या अध्ययन में याद्दाश्त की कमी का उपचार

संतान प्राप्ति एवं स्त्री-पुरुष के गुप्त रोगों का उपचार

वेदोक्त एवं तंत्रोक्त अनुष्ठान

जैसे महामृत्युंजय अन्नपूर्णा, बगलामुँखीं, काली, दुर्गा, इत्यादि दसो महाविद्यायों का अनुष्ठान किया जाता है |


उपरोक्त विषय जन्मपत्री देखकर विचार एवं उपचार किया जाता है | यंत्र सभी कार्य हेतु निर्माण किया जाता है |

नोट :- महारुद्र यज्ञ, महामृत्युंजय, बगलामुँखीं के विशेष अनुष्ठान कर्ता है |

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Features

  • मांगलिक विचार

    प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव एवं १२वे भाव में मंगल....

  • ग्रह

    सूर्य : यह प्राणतत्व का अधिष्ठाता है, यह हमारे जीवन में क्रिया शक्ति, प्राण....

  • जन्म-मृत्यु, ग्रह

    यदि जातक की जन्म-कुण्डलीं में ४ या इससे अधिक ग्रह उच्च....

  • मृत्यु उपरान्त गति विचार

    मृत्यु उपरान्त जातक की क्या गति होगी-इसका ज्ञान भी आर्ष नियमो....

  • भाव विचार

    प्रथम भाव से जातक की शरीर की स्थिति, स्वास्थ्य, रूप, वर्ण, चिन्ह,

  • राज्योग

    श्री राम जी का जन्म से १ कड़ोड़ ८५ लाख ५८ हजार ११२ वर्ष पूर्व हुआ ।....

  • मृत्यु ज्ञान

    मानव के जीवन में मृत्यु अत्यंत महत्त्व रखती है ।....

  • राशि

    मेष राशि का अधिपति मंगल ग्रह शारीर के मस्तिष्कीय क्रिया-कलापों....

  • काल सर्प योग

    ८० से १२० वर्ष तक पूर्ण आयु है । मध्य आयु ३५ से ६५ तक ।....

  • महादशा का फल

    सुर्य महादशा का फल:-ं उत्तमबली सूर्य की दषा....

  • जन्म कुंडली

    उच्च ग्रह का फल यदि उच्च स्थान में बैठे हुए ग्रह हो तो....

  • रोग विचार

    इस संसार में प्रत्येक प्राणी को रोग, दुःख, दरिद्रता,....

  • विवाह विचार

    स्त्री या पुरुष के पूर्व जन्मों का किया हुआ पुण्य अथवा....

  • योगनी

    आजकल फलित ज्योतिश का ही सर्वत्र उपयोग विशेष....

Horoscope

A living document of individual shows entire period of life cycle.

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Acharya R. K. Mishra

ऋषि मुनियों का कथन है –

महारुद्र यज्ञ, महामृत्युंजय यज्ञ करने एवं कराने से पूर्व-जन्म कृत दोष, इस जन्म के आठ प्रकार के दरिद्रता, व्यापार में बाधा व घाटा ( Business Problem/Loss), महा-व्याधि (Serious Disease), दैहिक, दैविक, भौतिक ताप का समन हो जाता है |
अकाल मृत्यु, अल्पायु योग, जेल योग, विवाह में दोष (Marriage Problem,) विधवा योग, आपस में अनबन या विवाह योग न बनने पर महामृत्युंजय यज्ञ सभी प्रकार के दोषों को समाप्त कर देता है एवं चारों तरफ से जीवन की रक्षा करता है |

आचार्य जी का कथन है –

महारुद्र यज्ञ महामृत्युंजय यज्ञ प्रत्येक मनुष्य को जीवन में एक बार अवश्य करा लेना चाहिए यह कायाकल्प करने वाला यज्ञ है |

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