+91 9818994900
+91 9312642078
+91 9818994900
+91 9312642078
॥ दोहा ॥ सिर नवाइ बगलामुखी , लिखू चालीसा आज । कृपा करहु मोपर सदा , पूरन हो मम काज । । । । । चौपाई । । जय जय जय श्री बगला माता , आदिशक्ति सब जग की त्राता । बगला सम तब आनन माता , एहि ते भयउ नाम विख्याता । शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी , अस्तुति करहिं देव नर - नारी । पीतवसन तन पर तव राजै , हाथहि मुद्गर गदा विराजै । तीन नयन गल चम्पक माला , अमित तेज प्रकटत है भाला । रत्न - जटित सिंहासन सोहै , शोभा निरखि सकल जन मोहै । आसन पीतवर्ण महारानी , भक्तन की तुम हो वरदानी । पीताभूषण पीतहिं चन्दन , सुर नर नाग करत सब वन्दन । एहि विधि ध्यान हृदय में राखै , वेद पुराण सन्त अस भाख । अब पूजा विधि करौं प्रकाशा , जाके किये होत दुख - नाशा । प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै , पीतवसन देवी पहिरावै । कुंकुम अक्षत मोदक बेसन , अबीर गुलाल सुपारी चन्दन । माल्य हरिद्रा अरु फल पाना , सबहिं चढ़इ धेरै उर ध्याना । धूप दीप कर्पूर की बाती , प्रेम - सहित तब करै आरती । अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे , पुरवहु मातु मनोरथ मोरे । मातु भगति तब सब सुख खानी , करहु कृपा मोपर जनजानी । त्रिविध ताप सब दुःख नशावहु , तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु । बार - बार मैं बिनवउँ तोहीं , अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं । पूजनान्त में हवन करावै , सो नर मनवांछित फल पावै । । सर्षप होम करे जो कोई , ताके वश सचराचर होई । तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै , भक्ति प्रेम से हवन करावै । दुःख दरिद्र व्यापै नहिं सोई , निश्चय सुख - संपति सब होई । फूल अशोक हवन जो करई , ताके गृह सुख - सम्पति भरई । फल सेमर का होम करीजै , निश्चय वाको रिपु सब छीजै । गुग्गुल घृत होमै जो कोई , तेहि के वश में राजा होई । गुग्गुल तिल सँग होम करावै , ताको सकल बन्ध कट जावै । बीजाक्षर का पाठ जो करहीं , बीजमन्त्र तुम्हरो उच्चरहीं । एक मास निशि जो कर जापा , तेहि कर मिटत सकल सन्तापा । घर की शुद्ध भूमि जहँ होई , साधक जाप करै तहँ सोई । सोइ इच्छित फल निश्चय पावै , यामे नहिं कछु संशय लावै । अथवा तीर नदी के जाई , साधक जाप करै मन लाई । दस सहस्र जप करे जो कोई , सकल काज तेहि कर सिधि होई । । जाप करे जो लक्षहिं बारा , ताकर होय सुयश विस्तारा । जो तव नाम जपै मन लाई , अल्पकाल महँ रिपुहिं नसाई । सप्तरात्रि जो जापहिं नामा , वाको पूरन हो सव कामा । नव दिन जाप करे जो कोई , व्याधि रहित ताकर तन होई । ध्यान करे जो बन्ध्या नारी , पावै पुत्रादिक फल चारी । प्रातः सायं अरु मध्याना , धरे ध्यान होवै कल्याना । कहूँ लगि महिमा कहाँ तिहारी , नाम सदा शुभ मंगलकारी । पाठ करे जो नित्य चालीसा , तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा । । । दोहा । । संतशरण को तनय हूँ , कुलपति मिश्र सुनाम । हरिद्वार मण्डल बसूं , धाम हरिपुर ग्राम । । उन्नीस सौ पिचानवे सन् की , श्रावण शुक्ला मास । चालीसा रचना कियौ , तव चरणन को दास । ।
नोट :- महारुद्र यज्ञ, महामृत्युंजय, बगलामुँखीं के विशेष अनुष्ठान कर्ता है |
Sidh Mata Mandir, Sarojini Nagar Market, Sarojini Nagar, New Delhi-110023, India.
0 Comments